(1) नीला थोथा
(2) खाने का सोडा
(3) धावन सोडा
(4) जिप्सम
2. पाचन के समय आमाशय पाचक रसों का pH मान होता है-
(1) 7 से कम
(2) 7 से अधिक
(3) 7 के बराबर
(4) शून्य
3. टमाटर में कौन-सा अम्ल उपस्थित होता है-
(1) एसिटिक अम्ल
(2) साइट्रिक अम्ल
(3) ऑक्जेलिक अम्ल
(4) टार्टरिक अम्ल
4. सोडियम कार्बोनेट एक क्षारीय लवण है क्योंकि यह
निम्नलिखित का लवण होता है..
(1) प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
(2) दुर्बल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक
(3) प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक
(4) दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
5. अपच का उपचार करने के लिए निम्नलिखित में से किस औषधि का
उपयोग होता है-
(1) एंटीबायोटिक
(3) एंटासिड
(2) एंटीसेप्टिक
(4) एनाल्जेसिक
6. यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक भोजन करने के कारण अम्लता से पीड़ित है
तो आप कौन-सा उपचार सुझाएँगे :
(1) बेकिंग सोडे का विलयन
(2) नींबू का रस
(3) जल
(4) सिरका
जबकि Na2CO3 कमजोर अम्ल और प्रबल क्षार द्वारा निर्मित होता है।
H2CO3 + 2NaOH → Na2CO3 + 2H2O
Na2CO3 का जलीय विलयन क्षारीय प्रकृति का होता है। इसलिए, इसका पीएच हमेशा 7 से ऊपर होना चाहिए|
12. मुँह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय प्रारंभ हो जाता है। दाँतों का इनैमल (दत्तवल्क) कैल्सियम हाइड्रोक्सीएपेटाइट (कैल्सियम फॉस्फेट का क्रिस्टलीय रूप) से बना होता है जो कि शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह जल में नहीं घुलता लेकिन मुँह की pH का मान 5.5 से कम होने पर यह संक्षारित हो जाता है। मुँह में उपस्थित बैक्टीरिया, भोजन के पश्चात मुँह में अवशिष्ट शर्करा एवं खाद्य पदार्थों का निम्नीकरण करके अम्ल उत्पन्न करते हैं। भोजन के बाद मुँह साफ़ करने से इससे बचाव किया जा सकता है। मुँह की सफ़ाई के लिए क्षारकीय दंत मंजन का उपयोग करने से अम्ल की आधिक्य मात्रा को उदासीन किया जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप दंत क्षय को रोका जा सकता है।
13. सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन से विद्युत प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण करता है। इस प्रक्रिया को क्लोर - क्षार प्रक्रिया कहते हैं क्योंकि इससे निर्मित उत्पाद- क्लोरीन (क्लोर) एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) होते हैं। क्लोरीन गैस ऐनोड पर मुक्त होती है एवं हाइड्रोजन गैस कैथोड पर । कैथोड पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन का निर्माण भी होता है।
14. अम्ल का तनुकरण एक उष्माक्षेपी प्रक्रम है जिसमे अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है यही कारण है कि जल में अम्ल को मिलाया जाता है ना कि अम्ल में जल को |
15. ग्लूकोज़, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ़्यूरिक अम्ल आदि का विलयन लीजिए। एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100mL के बीकर में रख दीजिए | अब किलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलो के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए। अब बीकर में थोड़ा तनु HCI डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए। इसी क्रिया को तनु सल्फ़्यूरिक अम्ल के साथ दोहराइए। एल्कोहोल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिको में भी हाइड्रोजन होते है लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल कि तरह नहीं होता है क्योंकि ये H+ आयन नहीं बनाता है।